The Unemployed Millionaire By: Matt Morris Hindi Summary

The Unemployed Millionaire: Escape the Rat Race, Fire Your Boss and Live Life on YOUR Terms!

By: Matt Morris

---------- About Book ----------

ये बड़ी ही सिंपल सी सच्चाई है कि  आप कभी भी एक 9 to 5 जॉब करके अमीर नहीं बन सकते। अगर आप अपनी पूरी ज़िंदगी किसी और के लिए काम करते हुए गुज़ार देंगे फिर भी आप कभी भी उनके  जितने अमीर नहीं हो पाएंगे । तो क्यों  ना खुद का बॉस बना जाए ? ये एक यूनिवर्सल  सीक्रिट है जिससे की आप लाखों रूपए कमा सकते हैं । 

ये समरी किसे पढ़नी  चाहिए  ?

•    Employees ( वो लोग जो किसी कंपनी के लिए काम करते हैं )

•    यंग professionals को  

•    वो लोग जो अपना खुद का बिज़नस शुरू करना चाहते हैं 

•    वो लोग जो  मिलियनेयर  बनना चाहते हैं 

ऑथर  के बारे  में  

मैट मॉरिस एक टॉप मार्केटिंग लीडर और कंसलटेंट हैं । वो बेस्ट सेलिंग बुक “द अनएम्प्लॉयड  मिलियनेयर” के ऑथर भी हैं । वो मार्केटिंग के फील्ड में  25 साल से भी ज़्यादा समय से काम कर रहे हैं । मॉरिस कई जाने-माने  शो जैसे कि  CBS और CNN  में  भी इंटरव्यू दे चुके हैं ।  

  SUMMARY

The Unemployed Millionaire By: Matt Morris

Introduction 

जब आप छोटे थे तब आपको क्या सिखाया गया था ? क्या आपसे बड़े लोग ये कहते थे की अगर आप अच्छे से ख़ूब  मेहनत कर के पढ़ाई करेंगे तो अमीर बन जाएँगे? क्या वो कहते थे एक अच्छी जॉब  आपको एक stable future बनाने में  मदद करेगी ? 

उस वक्त ऐसा ही होता था लेकिन क्या ये आज के समय पर भी फ़िट बैठती हैं? शायद नहीं । 

एक डिग्री आपको  ज़िंदगी भर की  जॉब  की कोई गारंटी नहीं दे सकती। इस economy  में  financial stability पाना बहुत मुश्किल है । पर एक चीज़ है जो आपको एक comfortable ज़िंदगी दे सकती है और वो है एक  अनएम्प्लॉयड millionaire बनना यानि एक ऐसा मिलियनेयर बन जाना जिसे कोई काम नहीं करना पड़ता। 

इस समरी से आप सीखेंगे की आप एक  अनएम्प्लॉयड  मिलियनेयर  कैसे बन सकते हैं । आप सीखेंगे की top पर पहुँचने के लिए किन चीज़ों की ज़रूरत होती है । आप जानेंगे की ये सब सिर्फ आपके mindset यानि की सोच और नज़रिए पर depend  करता है । 

अनएम्प्लॉयड  मिलियनेयर  बनना (Becoming an Unemployed Millionaire) 

एक  अनएम्प्लॉयड  मिलियनेयर  बनना कोई आसान काम नहीं है  । आपको इसके लिए बहुत  में हनत करनी पड़ेगी । फिर आपको थोड़ा और काम करना पड़ेगा । ध्यान रखिए इसका मतलब ये नहीं है की जब तक आप इस हालत  में  ना पहुँच जाए की आपसे आगे काम ही ना हो पाए तब तक आपको काम करना है । एक  अनएम्प्लॉयड  मिलियनेयर  होने का मतलब है पहले से ही पता होना की आपकी  मेहनत ज़रूर रंग लाएगी। 

अनएम्प्लॉयड  मिलियनेयर  बनने से मतलब है एक ऐसा बिज़नस तैयार करना जो आपको Passive Income जेनरेट कर के दे सके । अब Passive Income क्या होता है ? इसका मतलब है एक ऐसा बिज़नस तैयार करना जो आपको उस वक्त भी पैसे कमा कर दे सके जब आप काम ना भी कर रहे हों या सो रहे हों। यही वो काम है जो author मैट मॉरिस कर रहे हैं । वो अपनी कंपनी के CEO हैं  और उन्होंने लगभग 1 महीने से ऑफिस  में  कदम भी नहीं रखा है. ऐसा इसलिए  क्योंकि  वो अभी-अभी पिता बने हैं । मैट एक बॉस के काम को नज़रंदाज नहीं कर रहे हैं बल्कि उनका बिज़नस तब भी चल रहा होता है जब वो वहाँ मौजूद नहीं होते । अगर कोई अर्जन्ट काम आता है जहां उनकी ज़रुरत होती है तो मैट एक call या email के ज़रिए अपना काम कर लेते हैं। 

मैट तब भी पैसे कमा रहे होते हैं जब वो अपने परिवार के साथ रिलैक्स या एन्जॉय कर रहे होते हैं । ये एक  अनएम्प्लॉयड  मिलियनेयर होने  का सिर्फ़ एक पहलू है । तो इसका दूसरा पहलू क्या है ? यही कि आपके पास पूरी आज़ादी होगी ये तय करने की की आपको अपने समय के साथ क्या करना है। आप चाहें तो रोज 8 घंटे ऑफिस  में  काम ना करें इसके बजाय आप आज़ादी से अपना वक्त अपने परिवार के साथ गुज़ारना चुन सकते हैं । आप अपनी energy और टाइम उन activities को करने  में  भी लगा सकते है जो आपको करना पसंद है। 

एक  अनएम्प्लॉयड  मिलियनेयर  और आम आदमी  में  क्या फ़र्क  होता है ? उन दोनों  में  सिर्फ time और पैसे का फ़र्क  होता है । एक फिक्स्ड सैलरी वाली  जॉब  आपको पैसे तो देती है पर आप हर रोज़ वो कमाने के लिए अपना टाइम उस  जॉब  को देते हैं । जैसे की एक फेमस कहावत है – समय सोना है ( Time is Gold )। क्या आप जानते हैं की आप अपनी ज़िंदगी के करीब 80,000 घंटे सिर्फ काम करने  में  गुज़ार देते हैं? वो सारा समय आप उन चीजों को भी दे सकते थे जो आप सच  में  करना चाहते थे  या जिसे करने  में  आपको मज़ा आता है। 

अगर आप अपना समय और बर्बाद नहीं करना चाहते तो मैट आपको एक  अनएम्प्लॉयड  मिलियनेयर  बनने की सलाह देते हैं । इसका मतलब है अपना खुद का बिज़नस शुरू करना। अपने खुद के बॉस बनिए और अपनी ज़िंदगी अपने हिसाब से चलाइए । इस तरीके से आप चुन सकेंगे की आपको अपना समय कब, कहाँ और कितना  देना है । आप चुन सकते हैं की आप कौन सा  बिज़नस करना चाहते हैं। जब आप कोई ऐसा काम करते हैं जो करने  में  आपको मज़ा आता है तो समय कभी बर्बाद नहीं होता । 

पर एक  अनएम्प्लॉयड  मिलियनेयर  बनना self – employed होने से काफी अलग होता है । Self – employed होने का मतलब है की आपको हर रोज़ अपने ऑफिस में दिन-रात physically काम करना पड़ेगा ।अगर आप काम नहीं करेंगे तो आप पैसे नहीं कमा पाएंगे । यही वो चीज़ है जो एक  अनएम्प्लॉयड  मिलियनेयर  को एक self – employed इंसान से अलग बनाती है । 

एक  अनएम्प्लॉयड  मिलियनेयर कहीं  से भी काम कर सकता है  और वो आराम से फैसला ले सकता है की वो दिन के कितने घंटे काम करेगा । तो एक ऐसा बिज़नस चुनिए  जो इस criteria से मैच कर सके । कुछ ऐसा जिससे आपको प्यार हो और जो करना आपको बहुत पसंद हो । वो कुछ ऐसा होना  चाहिए  जो अपने आप चल सके  और वो ऐसा हो जिसके लिए आपको हर रोज़ ऑफिस  में  जाकर काम करने की ज़रूरत ना पड़े । 

आपको जानकर हैरानी होगी कि जाने माने फ़िल्म डायरेक्टर स्टीवन स्पीलबर्ग भी   एक  अनएम्प्लॉयड  मिलियनेयर  हैं जिन्हें अपने काम से बेहद प्यार है। वो इस दुनिया  में कहीं  भी, किसी भी जगह  काम कर सकते हैं  क्योंकि  फिल्म अलग अलग जगहों पर शूट की जाती है। अगर वो काम ना भी करें तो भी उन्हें  अपनी पिछली फ़िल्मों  से रॉयल्टी मिलती रहती है  और इस तरह वो लगातार कमाते रहते हैं। 

विश्वास – एक आसान तरीका और झूठ की शक्ति (Beliefs: The Easy Factor and the Power of Lies)

स्कूल  में  आपको पढ़ाई-लिखाई के basics सिखाए गए थे यानी कैसे बोलना है, कैसे पढ़ना है, math कैसे करनी है । पर  सक्सेसफुल  कैसे होना है ये आप असली  ज़िंदगी से ही सीख पाएंगे । हो सकता है की आप  सक्सेस को एक ना हासिल कर पाने वाला मुकाम समझ रहे हों। आप ऐसा सोच सकते हैं की आप बिना तकलीफ़ों को झेले और बिना गहरी चाहतों के पैसे नहीं कमा सकते, पर  सक्सेसफुल  होने का फार्मूला इससे  कहीं ज़्यादा आसान है।  सक्सेसफुल  होने का फार्मूला है – बिलीफ यानी पक्का विश्वास या यकीन। 

यही वो चीज़ है जो average लोगों को  सक्सेसफुल  लोगों से अलग बनाती है।  सक्सेसफुल  लोग खुद पर और अपने काम पर विश्वास रखते हैं । वो अपनी काबिलियत और skills पर पूरा भरोसा करते है की इनके ज़रिए वो एक दिन अपने गोल्स तक ज़रूर पहुँचेंगे । आपको भी  अनएम्प्लॉयड  मिलियनेयर  बनने के लिए बस यही सोच अपनाने  की ज़रूरत है । 

अगर आप ऐसा सोचेंगे की सक्सेस हासिल करना बहुत मुश्किल है तो आप कभी कुछ हासिल नहीं कर पाएंगे । अगर आप ये मानते हैं की ज़िंदगी जीना ,  सक्सेस पाना , वज़न घटाना ये सब बहुत मुश्किल है तो सच में वो मुश्किल हो जाता है  । किसी भी बिज़नसमैन से पूछिए की क्या लाखों रूपए कमाना आसान बात है ? वो आपको बताएंगे की ये इस दुनिया की सबसे आसान चीज़ है। 

ये businessman ऐसा मानते हैं की वो जो कुछ भी कर रहे हैं वो उसमें  बहुत अच्छे हैं । वो सोचते हैं की जो काम वो कर रहे हैं वो करना बहुत ही आसान है । इसीलिए उनके लिए लाखों कमाना भी आसान ही है । 

जब अगली बार आपके सामने कोई दिक्कत आए तो अपनी सोच पर ध्यान दीजिए । अपने आप को ये मत कहिए की “ये करना मुश्किल है” बल्कि इससे बिल्कुल उलटा कहिए की “ये करना बहुत आसान है”। इसे easy principle कहते हैं । जब आप विश्वास करेंगे की कोई चीज़ आसान है तो वो अपने आप ही आपके लिए आसान बन जाएगी । 

इससे आपका कॉन्फिडेंस बढ़ेगा । जब आपका कॉन्फिडेंस  बढ़ेगा तो आप अपने गोल को पाने के लिए ज़्यादा  मेहनत करेंगे । मैट जानते हैं की आपके मन  में  इस easy principle  को लेकर ज़रूर कुछ सवाल या doubts होंगे । पर कुछ ऐसी चीज़े भी हैं जिसे  आप इस principle से जोड़कर और भी असरदार बना सकते हैं और वो है अपने बारे में कोई सीमित विचार ना रखना । 

जब मैट 21 साल के थे, वो स्ट्रगल  के दौर से गुज़र रहे थे। उन पर स्टूडेंट लोन का भार था और उनकी जॉब से उन्हें  कुछ खास पैसे नहीं मिलते थे । वो हमेशा सोचते थे की वो शायद कभी ज़्यादा पैसे नहीं कमा पाएंगे और हमेशा कर्ज़ में ही डूबे रह जाएंगे । 

हो सकता है की आप भी खुद के बारे  में  ऐसा ही सोचते हों । आप शायद सोचते हों कि आपको अच्छे से कम्यूनिकेट यानी बातचीत करना नहीं आता है या हो सकता है कि आप सोचते हों की आपकी identity या पहचान इस बात पर बेस्ड  है की आपका वज़न ज़्यादा है। 

पर आपकी ये सीमित सोच सच नहीं है। आपने अपने बारे में ये कहानी खुद बनाई है और आप बहुत आसानी से इस कहानी से पीछा छुड़ा सकते हैं । आप उसी कहानी के कंट्रोल  में  आ जाते हैं जो आप खुद के बारे में बनाते हैं इसलिए ऐसी कहानी  चुनिए  जो आपको  आगे बढ़ने  में  मदद करे । ऐसी चीज़ो पर फोकस करना शुरू कीजिए  जो आपको आगे बढ़ने की ताकत दे । 

आपकी पहचान सिर्फ़ आपके weight तक सीमित नहीं है बल्कि आप अपने weight से कहीं बढ़कर हैं । हो सकता है की आप कम्यूनिकेट करने  में  अच्छे ना हों  पर आप उस पर काम कर रहे हैं । मैट ने फैसला किया की वो इस belief को छोड़ देंगे की वो हमेशा पैसों के लिए struggle करते रहेंगे  और इसीलिए उन्होंने एक नया belief बनाया । उन्होंने विश्वास करना शुरू किया की वो बहुत पैसे कमाएंगे, बहुत सारे । फिर उन्होंने अपनी खुद की कंपनी खोली और इस विश्वास को सच साबित किया । 

सबसे अच्छी परफॉरमेंस के लिए अपने actions को कैसे मैनेज किया जाए (Action Management for Peak Performance) 

मैट ने कई  मिलियनेयर लोगों से पूछा की आज उनके पास जितनी भी दौलत है उसे  पाने के लिए उन्होंने क्या किया ? उन सब का एक common जवाब था – टाइम मैनेजमेंट। पर मैट के लिए अपने टाइम को मैनेज करना बहुत मुश्किल था । जो चीज़ एक इंसान को सच  में  मैनेज करना  चाहिए  वो है उसके action । 

मैट इसी action  मैनेजमेंट  का हर रोज़ इस्तेमाल करते हैं। अपने परिवार को पूरा समय  देने के बावजूद इसने उनके काम को बेहतर बनाने  में  उनकी मदद की यानी उनकी प्रोडक्टिविटी को बढ़ाया और यही  अनएम्प्लॉयड  मिलियनेयर  की सबसे बड़ी quality है। इसका मतलब है बड़े रिजल्ट अचीव करना  और उन सब चीज़ो के लिए टाइम भी होना जो करना आपको पसंद है या जिस काम से आप प्यार करते हैं । 

Action  मैनेजमेंट  आपकी सोच से शुरू होता है । इस सोच से बाहर निकलिए की दिनभर  में  आपके पास ज़्यादा समय नहीं होता । आप इस बारे  में  जितना ज़्यादा सोचेंगे आप उस बात पर उतना ही ज़्यादा विश्वास करने लगेंगे। अपने पिछले दिनों  में  मैट को भी ये बहाना देना बहुत पसंद था की उनके पास इतना समय नहीं है । अगर वो इस में  अच्छे नहीं थे तो इसमें  उनकी कोई गलती नहीं थी । दिन के सिर्फ 24 घंटे काफी नहीं होते । पर उन्होंने अपनी सोच को बदला  और  उन्हें एहसास हुआ  की उनके पास काफी वक्त था । 

मैट जानते हैं की आप पर बहुत सी ज़िम्मेदारियाँ हैं  और आप दिनभर  में  ज़्यादा से ज़्यादा जिम्मेदारियों को पूरा करना चाहते हैं। मैट ने अपने action  मैनेजमेंट  सिस्टम पर काम करने के लिए एक डायरी बनाई थी । ये आपके ऊपर है की आप इस सिस्टम को किस चीज़  में  रिकार्ड करना चाहते हैं , फिर चाहे वो आपका फोन हो या फिर कोई नोटबुक । 

सोने से पहले अपनी डायरी उठाइए और लिखिए की अगले दिन आप क्या क्या करना चाहते हैं । हाँ , ये लिखने के  बजाय की आपको क्या करना  चाहिए,  ये लिखिए की आप क्या करना चाहते हैं । इसके लिए मैट ने एक ‘wants’ लिस्ट का इस्तेमाल किया  क्योंकि  वो आपकी सोच पर ज़्यादा गहरा और पॉजिटिव  असर डालता है । 

जब उन्होंने ये लिखा की  उन्हें  क्या करना  चाहिए यानी ‘needs’, तब  उन्हें  काफी भयानक महसूस हुआ। जब मैट लिस्ट  में  लिखे हुए कामों को पूरा नहीं कर पाते थे तो वो  काफी निराश हो जाते थे.  ‘Wants’ लिस्ट एक आसान तरीका है अपने दिमाग को इस तरह से प्रोग्राम करने का ताकि वो करने वाले कामों के लिए जोशीला महसूस करे  और उसे एक ही दिन  में  पूरा करने का कोई pressure ना रहे। 

दूसरा है, अपने To–do लिस्ट को arrange कीजिए। इन activities को इन categories के हिसाब से arrange कीजिए– A Priorities, B Priorities, C Priorities। 

A Priorities  में  वो काम आते हैं  जो आपको उस दिन के अंदर जरूर ही पूरा करना है। इसलिए आपको काफी चुनिंदा चीज़ो को इस में  रखना  चाहिए  । अगर आप इसमें बहुत सारे काम   डाल देते हैं तो उसे पूरा ना कर पाने पर आप निराश हो जाएंगे  और आप उस काम को करने का मोटिवेशन खो देंगे । A priority में अपने बच्चे का गेम attend करने जैसा काम  भी शामिल हो  सकता है। 

B Priorities  में  वो चीज़े आती हैं जो आपको उस दिन  में  कर लेनी  चाहिए  । ये काम भी काफ़ी ज़रूरी हैं पर ऐसा भी नहीं है की अगर आपने उसे  आज ही पूरा नहीं किया तो दुनिया ख़त्म  हो जाएगी । B Priority  में  आने वाले काम  का एक example है आपकी अगले महीने होने वाली स्पीच के लिए एक आउट्लाइन बना लेना। 

C Priorities वो काम  हैं जो आप करते तो हैं पर ये ज़्यादा मायने नहीं रखता की आप इसे आज करते हैं या अगले हफ्ते। C Priorities काफी लंबी हो सकती हैं । तो इसलिए हफ्ते भर के लिए एक C Priorities की लिस्ट बना लीजिए । फिर एक दूसरी C Priority लिस्ट महीने भर के लिए बना लीजिए । इस तरह से आपको पता रहेगा की आपको कौन से काम पूरे करने हैं। 

बिज़नस शुरू करना (Starting a Business)

मैट को  मार्केटिंग  में  बिल्कुल ज़ीरो एक्सपीरियंस था  और वो इंटरनेट के बारे  में  भी ज़्यादा नहीं जानते थे । फिर भी वो आगे बढ़े और उन्होंने एक ऑनलाइन बिज़नस शुरू किया । वो ऑनलाइन  इंडस्ट्री के बारे में जानना चाहते थे । वो  उन्हें  काफी attract करता था। सबसे ज़रूरी बात तो ये है की वो जानते थे की वो उन्हें ज़रूर पसंद आएगा और वो उस बिज़नस में  ज़रूर  सक्सेसफुल  होंगे । 

एक बिज़नस शुरू करने का पहला स्टेप है की आपको बदलाव को अपनाना होगा। क्या आपने कभी भी खुद से ये वादा किया है की अब आप एक नई चीज़ की शुरुआत करेंगे। शायद वो कम junk food खाना हो या शायद वो smoking छोड़ना हो । पर कुछ हफ्तों बाद, आप ऐसा करना छोड़ देते हैं और अपने पुराने रूटीन पर  वापस आ जाते हैं । 

अगर आप अपनी ज़िंदगी  में  कुछ नया लाना चाहते हैं तो  आपको पुरानी आदतों को छोड़ना होगा । Example के तौर पर अगर आप शेप  में  आना चाहते हैं तो ज़रूरी है की आप रोज़ exercise करें । Exercise करने  में  कम से कम 1 घंटा लगता है तो आपको उसे पाने के लिए कुछ खोना भी पड़ेगा । शायद वो रात  में  कम T.V देखना हो सकता है । 

यही आपको एक  अनएम्प्लॉयड  मिलियनेयर  बनने के लिए करना होगा । आपको उन चीजों  में  समय देना होगा जो करना आपको बहुत पसंद हो । इसका मतलब है की आपको नई आदतें बनाने के लिए पुरानी आदतें छोड़नी होंगी। Example के तौर पर मान लीजिए आप मार्केटिंग की ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं तो weekend पर अपने बिस्तर  में  पड़े रहने की जगह, आप लोगों के साथ networking कर सकते हैं ।

दूसरा स्टेप है ये पता लगाना की आपका बिज़नस क्या होगा। जैसा कि हमने पहले बताया आपको हमेशा अपना पैशन फॉलो करना  चाहिए   पर उसके अलावा आपको कुछ ऐसा बेचना होगा  जो लोग ख़रीदना चाहें । अब आप सोच रहे होंगे, “मैं  कुछ ऐसा बेचूँगा जो पहले कभी ना बेचा गया हो”। मैट कहते हैं की ऐसा सोचना गलत है । जो आप बेचना चाहते हैं उसके पीछे कोई कारण होगा जिसकी वजह से वो आज तक किसी और द्वारा नहीं बेचा गया है । इसका मतलब है की बहुत ज़्यादा chances हैं की वो आगे भी कभी नहीं बिकेगा । 

इसके बजाय आपको किसी ऐसे प्रोडक्ट या सर्विस के बारे  में  सोचना  चाहिए  जो लोग ज़रूर खरीदेंगे और लंबे समय से खरीदते आ रहे हैं, कुछ ऐसा जो पहले से ही कस्टमर्स के बीच हिट रहा हो। ऐसे  प्रोडक्ट सेल्स रेट और कई स्टडीस की मदद से बनाए जाते हैं । इसलिए किसी ऐसी जगह जाइए जहाँ आपको पता हो की आपका बिज़नस ज़रूर चलेगा । क्या बिल गेट्स पहले ऐसे इंसान थे जो की कंप्यूटर  प्रोग्रैमर थे ? बिल्कुल नहीं । पर वो एक बने बनाए  मार्केट  में  गए – कंप्यूटर  ऑपरेटिंग सिस्टम और उससे कुछ बेहतर और यूनिक  बनाया । 

इसे मैट modeling  कहते हैं । modeling  का मतलब है अपने बिज़नस का बेस ऐसे बिज़नस को बनाकर  चलना जो आपको पता है की  सक्सेसफुल  रहा है। ठीक यही मैट ने अपने पहले ऑनलाइन बिज़नस के लिए किया था । उन्होंने एक प्रोडक्ट की मार्केटिंग की और अपने salesman  से भी वही करवाया। उन्होंने पूरा दिन सेल्स प्रेज़न्टेशन पर काम किया और अपने प्रोडक्ट के लिए टीवी पर दिखाए जाने लायक ad तैयार किए। 

पर मैट इससे संतुष्ट नहीं थे । वो अपनी मार्केटिंग अप्रोच को और बढ़ाना चाहते थे । यही वो समय था जब उन्होंने दूसरी सेल्स कंपनी की strategy सीखी । इस सेल्स कंपनी की एक वेबसाईट थी जिस पर   उन्होंने अपने उन प्रोडक्टस के बारे में बताया था जो वो बेचते थे । अगर कोई कस्टमर उसके बारे  में  ज़्यादा जानकारी चाहता था  तो उसे अपनी पर्सनल information भरनी होती थी जैसे नाम, फोन नंबर और ईमेल id। 

शुरू  में  उन्हें ये बड़ा अजीब लगा । अगर कोई किसी प्रोडक्ट के बारे  में  जानना चाहता है तो वो अपनी पर्सनल information क्यों  भरेगा? पर मैट ने उसके पीछे का लॉजिक समझा । मान लीजिए किसी कस्टमर ने माँगी हुई information भर दी तो सेल्स कंपनी उस प्रोडक्ट के बारे  में  बात करने के लिए कस्टमर को कॉल कर सकती है । सेल्स कंपनी  उन्हें  सेल्स प्रेज़न्टेशन भी दिखा सकती है ताकि  कस्टमर  प्रोडक्ट  खरीदने के लिए राज़ी हो जाए । इसमें  कोई आश्चर्य  की बात नहीं है की इस स्ट्रेटेजी के कारण उस  सेल्स कंपनी के प्रोडक्ट बड़ी जल्दी बिक जाते थे। 

ये देखने के बाद की ये तरीका कितना असरदार है, मैट ने इस सेल्स कंपनी की strategy को अपना लिया । हालाँकि उन्होंने इस स्ट्रेटेजी   में  अपनी कुछ अलग चीज़े भी ad  की । इसे ही modeling  और एक बने बनाए बिज़नस idea को बेहतर बनाना कहते हैं। ज़रूरी नहीं की competition हमेशा आपके लिए बुरा ही साबित हो । आप उससे inspiration भी ले सकते हैं । बस ये पहचानिए की आपका competition है कौन? फिर लिखिए की वो क्या करते हैं और कैसे करते हैं । फाइनली वो रास्ते ढूंढिए जिससे आप अपने प्रोडक्ट  में  सुधार कर सकते हैं । 

पर आप उसमें  सुधार कैसे करेंगे ? इसके लिए ज़रूरी है की आप अपना यूनीक सेलिंग पॉइंट (USP) ढूँढे । ये आपके competitor से आपको अलग बनाएगा । हाँ, हम इस बारे  में  बात कर चुके हैं की आप अपने competitor  के idea को कैसे अपना सकते हैं पर अपने बिज़नस को  सक्सेसफुल  बनाने के लिए आपको उसमें  कुछ तो अलग डालना ही पड़ेगा। 

आपका USP आपको सबसे अलग बनाने  में  आपकी मदद करेगा । Domino’s  pizza  US  में  चल रही कई  pizza  franchise  में  से एक है पर वो पूरे  pizza  मार्केट को सबसे ज़्यादा कवर करती है सिर्फ अपने USP की वजह से । Domino’s आपको गर्म, फ्रेश  pizza  की गारंटी देता है वो भी सिर्फ 30 मिनट के अंदर । 

आपका अपने बिज़नस के लिए aim भी कुछ ऐसा ही होना  चाहिए  । जब लोग उस इंडस्ट्री के बारे  में  सोचें तब आपका बिज़नस उनके दिमाग  में  सबसे पहले आना  चाहिए  । आपकी USP आपके बिज़नस को highlight करनी  चाहिए । साथ ही वो छोटी, आसान और पॉजिटिव  होनी  चाहिए  । 

Example के लिए मान लीजिए आपकी एक car repair की shop है । उसी गली  में  एक और car repair की shop है  पर दूसरी शॉप ज़्यादा कुछ नहीं करती । वो एक साधारण बिज़नस करती है पर आपकी शॉप स्पेशल हो सकती है । 

कैसा रहेगा अगर जो car आप रिपेयर  कर के देंगे उस पर 90 दिन की गारंटी दें तो ? इसका मतलब है की आपकी सर्विस इतनी अच्छी है की जो car आपने रिपेयर की  है वो  जल्दी से खराब नहीं होगी । अगर वो 90 दिन से पहले खराब हुई तो कस्टमर को उनका पूरा पैसा वापस कर दिया जाएगा । 

ये ध्यान रखिए की USP आपके होने वाले कस्टमर्स को अपनी ओर खींचने  लायक होना  चाहिए  । कंपनियां  कॉमन चीज़ों  पर ही अपना USP बनाती हैं। आप अपनी स्पीड , quality या फिर प्राइस को highlight कर सकते हैं । 

इंटरनेट मार्केटिंग (Internet Marketing)

जैसा की बताया गया है एक  अनएम्प्लॉयड  मिलियनेयर  जहाँ से भी चाहे वहाँ से काम कर सकता है । इसीलिए बिज़नस के लिए एक physical location का होना ज़रूरी नहीं है, इसी वजह से बहुत से  अनएम्प्लॉयड  मिलियनेयर  अपनी किस्मत इंटरनेट के ज़रिए चमका लेते हैं । 

इंटरनेट इस century की सबसे बेस्ट चीज़ है खासकर बिज़नस इंडस्ट्री में । इसकी वजह से अपने प्रोडक्ट का ad देना और उसकी मार्केटिंग करना काफी सस्ता हो गया है । सभी जानते हैं की इंटरनेट के ज़रिए बिज़नस ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुँच सकता है । 

मान लीजिए आप $50 का कोई प्रोडक्ट ऑनलाइन बेच रहे हैं । अब अगर 20,000 लोगों ने उसे खरीद लिया तो आप आसानी से मिलियन  डॉलर कमा सकते हैं । आप शायद ऐसा सोच सकते हैं की प्रोडक्ट की प्राइस बहुत ज़्यादा है, पर जब मैट ने ये किताब लिखी थी  तब इंटरनेट यूज़ करने वाले 1.5 बिलियन लोग ही थे । तो आप देख सकते हैं की टोटल इंटरनेट users  में  से 20,000  बहुत ही छोटा फिगर है । 

पैसे कमाने का सबसे कॉमन तरीका है अपना खुद का प्रोडक्ट बेचना। 

खुद का प्रोडक्ट बेचना काफी आसान और सिंपल है । ये इस बात का भी सबूत है की पैसे ऑनलाइन भी कमाए जा सकते हैं । आप अपना  प्रोडक्ट ऑनलाइन ऑक्शन यानी नीलामी के ज़रिए भी बेच सकते हैं । पहले अपने घर  में  कोई ऐसी चीज़ ढूंढिए जो आपको लगता है की कोई और खरीद सकता है । वो एक valuable चीज़ होनी  चाहिए। दूसरा अच्छी रोशनी  में  उसकी 1 फोटो लीजिए । मान लीजिए की आप एक बुक बेच रहे हैं तो ध्यान रखिए की उसका कवर दिख रहा हो. आप उसे  थोड़ा घुमाकर  भी फ़ोटो खींच सकते हैं ये दिखाने के लिए की पूरी  बुक अच्छी कन्डिशन  में  है । 

फिर एक अच्छा title और description बनाइए । ध्यान रखिए की ये ऐसा होना चाहिए कि लोग इसे पढ़े बिना रह ना सकें। आपका डिस्क्रिप्शन आपके प्रोडक्ट के लिए एक सेल्स प्रेज़न्टेशन के तौर पर काम करेगा. अपने प्रोडक्ट को describe कीजिए और बताइए की वो किस कन्डिशन  में  है। क्या वो सिर्फ एक बार ही इस्तेमाल किया गया है या कई बार इस्तेमाल किया जा चुका है फिर भी अच्छी कन्डिशन  में  है ? 

तीसरा, उसका एक प्राइस यानी दाम फिक्स कीजिए  और इंतज़ार कीजिए  की लोग उस पर बोली कब लगाते हैं । आमतौर पर बेचने वाले अपना प्रोडक्ट सबसे ज़्यादा बोली लगाने वाले को बेचने से पहले 2 हफ्तों तक इंतज़ार करते हैं । 

ऑनलाइन ऑक्शन  के 2 फायदे हैं । पहला, पूरी दुनिया  में  कोई भी आपका प्रोडक्ट खरीद सकता है, आपका प्रोडक्ट सिर्फ आपके शहर तक ही सीमित नहीं होता । दूसरा, अगर आपका प्रोडक्ट rare है या बड़ी मुश्किल से मिलता है तो लोग उसे खरीदने के लिए काफी ज़्यादा पैसे देने को भी तैयार हो जाएंगे । Example के लिए – अगर आपके पास एक लिमिटेड इडिशन सुपरहीरो का model है तो एक कलेक्टर उसे खरीदने के लिए काफी पैसे देने को भी तैयार हो जाएगा । 

क्या आपके घर  में  आपके पास ऐसे प्रोडक्ट  या item नहीं हैं जिसे आप बेच सकें ? अगर ऐसा है तो आप आसानी से किसी सस्ते बाज़ार या फिर किफायती स्टोर  में  जाकर उसे खरीद सकते हैं । उसके बाद अपने ख़रीदे हुए दाम में कुछ और डॉलर add कीजिए और आपका प्रोडक्ट बेचने के लिए तैयार हो जाता है । आज के ज़माने  में  बहुत सारे  ऑनलाइन ऑक्शन  site मौजूद हैं । उनमें  से सबसे popular है e-Bay । बस याद रखिए की item जितना rare होगा उस पर बोली उतनी ही महँगी लगेगी । तो ऐसे item ढूंढिए जो इस criteria के लायक हों । 

Conclusion 

तो पहले आपने जाना कि  एक  अनएम्प्लॉयड  मिलियनेयर  का मतलब क्या होता है ।  एक  अनएम्प्लॉयड  मिलियनेयर  बनने का मतलब है किसी ऐसी चीज़  में  जाना जिसके लिए आप passionate हों । इसका मतलब है अपने passion के ज़रिए पैसे कमाना । दूसरे शब्दों  में  कहा जाए तो एक  अनएम्प्लॉयड  मिलियनेयर  बनने का मतलब है खुद का बिज़नस शुरू करना । 

दूसरा आपने सीखा की किसी बिज़नस को शुरू करने से पहले, आपको खुद को आँकना  चाहिए  । खासकर की आप खुद को लेकर किन चीजों पर विश्वास करते हैं ? अगर आप मानते हैं की आप  सक्सेसफुल  होंगे  तो आप ज़रूर  सक्सेसफुल  होंगे । जब अगली बार आपके सामने कोई दिक्कत आए तो ये मत कहिए की “ये करना मुश्किल है” बल्कि खुद से कहिए की, “ये करना बहुत आसान है”। ये आपको अपना बेस्ट देने के लिए motivate करेगा । 

तीसरा, आपने सीखा की एक  अनएम्प्लॉयड  मिलियनेयर  बनने के लिए action management कितना ज़रूरी है । जब आप अपने खुद के बॉस बन जाते हैं तो टाइम बहुत कीमती हो जाता है इसलिए  आपको उसे सोच-समझकर  इस्तेमाल करना  चाहिए  । 

चौथा, आपने सीखा की एक बिज़नस कैसे शुरू करना है । ये ज़रूरी है की आप अपने बिज़नस को लेकर dedicated और committed रहें । आपको modeling  टेक्नीक के ज़रिए ये पता लगाना  चाहिए  की आपका बिज़नस कैसा होगा । अपने competitor  से inspiration लेना एक अच्छी स्ट्रेटेजी  साबित होगी । 

पाँचवाँ आपने सीखा की अपने प्रोडक्ट को सबसे अलग बनाने के लिए आपको एक USP की ज़रूरत है । आपका USP छोटा, आसान और पॉजिटिव होना  चाहिए  । 

एक बिज़नस शुरू करना शुरुआत  में  डरावना हो सकता है पर खुद का बॉस बनना इस दुनिया  में  सबसे अच्छी चीज़ है जो आप कर सकते हैं । ऐसा करने से आप खुद को और अपने परिवार को ज़्यादा समय दे पाएंगे । आपको कोई 9-5 रूटीन फॉलो नहीं करना पड़ेगा । सबसे ज़रूरी बात तो ये है की आप वो कर पाएँगे  जो करना आपको सबसे ज़्यादा पसंद है। 

एक  अनएम्प्लॉयड  मिलियनेयर  बनने का मतलब ये नहीं है की आप सिर्फ financially stable या अमीर हो जाएँ बल्कि  ये आपके overall personality के लिए भी चमत्कारी साबित हो सकता है । इसका मतलब है इस बात का पता होना की आप अपने passion के ज़रिए इस दुनिया  में अपना योगदान दे रहे हैं । 

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The Unemployed Millionaire By: Matt Morris

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